इस माह के 22 को अयोध्या में आयोजित होने वाले राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले हिंदू अमेरिकी समुदाय के सदस्यों ने रविवार को ह्यूस्टन में एक विशाल कार रैली निकाली. यह रैली भजन और ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए रास्ते के मंदिरों में भी रुकी.
विश्व हिंदू परिषद ऑफ अमेरिका (वीएचपीए) ने मंदिर के पदाधिकारियों को 22 जनवरी को अयोध्या में आयोजित होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए औपचारिक निमंत्रण भी दिया.
भारत और अमेरिका के झंडे और राम मंदिर की छवि वाले भगवा बैनर लिए 500 से अधिक लोगों ने 216 कारों की लगभग पांच किलोमीटर लंबी कतार के साथ रैली निकाली. इस दौरान अपनी मोटरसाइकिल पर 7 से ज्यादा पुलिसकर्मी मौजूद थे।
अमेरिका के ह्यूस्टन के समाज सेवी जुगल मालानी ने श्री मीनाक्षी मंदिर से रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और दोपहर के बाद रिचमंड के श्री शरद अंबा मंदिर पहुंचने के बाद इसका समापन हुआ. ह्यूस्टन के व्यस्त मार्गों से होते हुए रैली ने लगभग 150 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय की और छह घंटे की रैली के दौरान कई मंदिरों पर भी रुकी. मंदिरों में लगभग हजारों श्रद्धालु एकत्रित हुए, जिनमें युवा और बुजुर्ग दोनों
शामिल रहे. इस दौरान कई श्रद्धालुओं की
आंखें नम दिखीं. मंदिरों में भजनों के साथ
जुलूस का स्वागत किया गया. ‘वीएचपीए ने कहा कि विभिन्न मंदिरों में इक्ट्ठा हुए 2500 से अधिक श्रद्धालुओं द्वारा कार रैली प्रतिभागियों के प्रति दिखाई गई भक्ति और प्रेम अभिभूत करने वाला था.
इधर महाराष्ट्र में शिवनेरी की मिट्टी लेकर रामभक्त अयोध्या रवाना
लंबे संघर्ष के बाद राम जन्मभूमि मुक्त हुई. ऐसे में छत्रपति शिवाजी महाराज के स्वराज्य स्थापना के 350 वर्ष पूरे होने के मौके पर अमलनेर के आशिष दुसाने ने शिव जन्मभूमि से राम जन्मभूमि साइकिल पर संकल्प यात्रा शुरु की है. उन्होंने शिवनेरी किले की मिट्टी और पानी लेकर अपनी संकल्प यात्रा की शुरुआत की. वह 22 जनवरी को अयोध्या पहुंचेंगे.
■ आशिष दुसाने अमलनेर के मूल निवासी हैं. वह पुणे में यश भारती फाउंडेशन की ओर से विद्यार्थियों को मुफ्त एमपीएससी, यूपीएससी परीक्षा को लेकर मार्गदर्शन करते हैं. विद्यार्थियों को मुफ्त में नोट्स उपलब्ध कराते हैं और बाहर से आने वाले मार्गदर्शकों को मानधन भी स्वयं अदा करते हैं.
वे रास्ते में मंदिर में रुकते हैं और राम मंदिर, अयोध्या के इतिहास का कथन करते हैं. वे 8
ऐसे होगी अयोध्या तक यात्रा
जनवरी को संगमनेर, कोपरगांव पहुंचे थे. वे वहां से मालेगांव, धुलिया, अमलनेर, इंदौर, उज्जैन, बागेश्वर धाम, मिर्जापुर, काशी, प्रयागराज, सुल्तानपुर प्रतापगढ़ मार्ग से अयोध्या पहुंचेंगे.
शंख वादक नितिन महाजन के बाद अयोध्या के राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में उपस्थित रहने वाले आशिष दुसाने अमलनेर के दूसरे सपूत होंगे.
4500 किमी की यात्रा करेंगे 500 इन्फ्लुएंसर
सोशल मीडिया पर अपनी
किलोमीटर की यात्रा करेंगे. वे
गतिविधियों से लोगों को प्रभावित करने वाले 500 से अधिक इन्फ्लुएंसर 4500 भगवान राम का वनवास समाप्त होने के बाद उनके द्वारा अपनाए गए वापसी मार्ग का अनुकरण करेंगे. यह ‘रामोत्सव यात्रा’ 1 माह में पूरी की जाएगी, जो महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक होते हुए उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेगी. रामोत्सव यात्रा टीम में शामिल अपूर्वा सिंह ने आज बताया कि 14 जनवरी को इंदौर से यात्रा की शुरुआत होगी. 500 से अधिक इंस्टाग्रामर, यूट्यूबर, ब्लॉगर, खेल और बॉलीवुड की हस्तियों ने यात्रा में शामिल होने की
स्वीकृती दे दी है. तीर्थस्थलों की मिट्टी जमा करेंगे:
यात्रा के दौरान रामेश्वरम, त्र्यम्बकेश्वर,घृष्णेश्वर और काशी विश्वनाथ ज्योर्तिलिंग
समेत यात्रा मार्ग में पड़ने वाले सभी प्रमुख
अयोध्या नगरी का मैप अयोध्या में पैदल प्रवेश सभी यह तय करेंगे, सफर वाहनों से लेकिन रामलला की नगरी अयोध्या वाहन छोड़ देंगे, पहुंचते ही वे अपने नंदीग्राम से रामलला विराजमान मंदिर किलोमीटर तक का 20 का सफर सभी इन्फ्लुएंसर पैदल तय करेंगे.
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अयोध्या का आधिकारिक मानचित्र तैयार किया जा रहा है. उच्च गुणवत्ता वाली त्रिआयामी (3डी) तस्वीर जारी करने वाली कंपनी जेनेसिस इंटरनेशनल इसे तैयार कर रही है. तीर्थस्थलों के दर्शन किए जाएंगे. आयोजक दल के प्रमुख सदस्य मलय दीक्षित ने बताया कि इस मिट्टी का इस्तेमाल अयोध्या में पौधे लगाने में किया जाएगा.
इधर अयोध्या में मंदिर निर्माण के आरंभ से चुटकीभर अनाज से किया जा रहा अनोखा अन्नदान
अयोध्या में भगवान श्रीराम
मंदिर निर्माण के लिए मेहनत कर रहे सैकड़ों लोगों को हर दिन भोजन और चाय उपलब्ध कराने की अनूठी पहल की जा रही है. इसका न तो कहीं प्रचार-प्रसार किया जाता है और न ही श्रेय दिया जाता है.
आध्यात्मिक गुरु उमाकांतजी महाराज की प्रेरणा से बाबा जय गुरुदेव के शिष्यों ने यह कार्य अनवरत जारी रखा है. जब मंदिर का निर्माण शुरु हुआ तो उमाकांतजी महाराज ने संकल्प किया था कि वे यहां काम करने वाले मजदूरों के साथ-साथ कारसेवकपुरम में विशाल पत्थरों को तराशने वालों को भी नियमित रूप से भोजन देंगे. उन्हें दो बार चाय और पानी भी दिया जाता है. इतना ही नहीं, भगवान श्रीराम मंदिर परिसर में सुरक्षा के लिए तैनात सुरक्षा रक्षकों और अयोध्या के भिस्वारियों को भी भोजन देने का निर्णय किया गया. अब तक इस सेवा में कोई रुकावट नहीं आई है. अनाज कभी कम नहीं पड़ता : यह भोजन प्रसाद भगवान राम के प्रति अटूट भक्ति का एक हिस्सा है. इसके लिए अनाज कहां से आता है, यह भी आश्चर्यजनक है. हजारों-लाखों रामभक्तों द्वारा दिए गए एक चुटकी अनाज से बड़े ढेर लग जाते हैं. कभी ऐसा नहीं होता कि अन्न कम पड़ा हो. कुछ भक्त धन भी दान करते हैं. इस राशि से तेल और ईंधन आदि का प्रबंध किया जाता है. यहां बाबा जय गुरुदेव के बड़ी संख्या में
भक्त हैं. इनके परिवारों में दो वक्त का भोजन बनाने से पहले इस अन्नदान के लिए बर्तनों में अनाज इकट्ठा किया जाता है, जिसे सेवक अन्नदान स्थल पर पहुंचाते हैं. 45 लोगों की टीम : इन सभी कार्यों में मुख्य शर्त यह है कि सेवक के रूप में नियुक्त किए जाने वाले लोग किसी व्यसन के आदि न हों. कारसेवकपुरम में एक भोजनालय चलाया जाता है. यहीं से मंदिर और राम जन्मभूमि ट्रस्ट की कार्यशालाओं में काम करने वाले लोगों तक भोजन और चाय पहुंचाई जाती है. 45 लोगों की टीम यह काम करती है. उनमें से कुछ हैं जगदीश पटेल, पातीराम, आयुष अग्निहोत्री, शोभा राम और जग्गू राम आर्य.
अमेरिका की सड़कों पर गूंजा ‘जय श्रीराम’ भारत में भी गूंज
Leave a comment