इंडिया गठबंधन और भाजपा में जोरदार मुकाबला
सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत से लेकर दुनिया के सबसे पुराने लोकतांत्रिक देश अमेरिका तक में इस साल चुनाव हैं। पहली बार किसी एक वर्ष में दुनिया की 400 करोड़ आबादी में 60% जीडीपी वाले करीब 64 देशों ने नई सरकार बन्नेगी। भारत में इस समय 100 करोड़ वोटर होंगे। बीते महीने पांच राज्यों के चुनाव इस बात को पुष्टि करते हैं कि 2024 चुनाव के लिए भाजपा मजबूती के साथ उतरेगी। भाजपा की मोदी की गारंटी राम मंदिर और राष्ट्रव्याद के गुद्दे पर उत्तरेती। वहीं विपक्षी इंडिया एठबंधन सामाजिक न्याय, महंगाई, खतरे में लोकतंत्र, जातिगत जनगणना जैसे मुद्दों को भुनाने की कोशिश करेगा। इस चुनाव में पिछड़ी जातियों के लिए लड़ाई, केल्फेयर योजना और विदेश नति का उदय बड़े मुद्दे बनेंगे। 543 सीटो पर संभवतः यह आखिरी चुनाव है। इसके वाद जनगगना व सीटों के पुननिर्धारण के लिए परिसीमन होना है। 2029 में लोकसभा की 78 सीटें बड़ सकती हैं और लोकसभा और राज्यों के चुनाव 33% महिला आरक्षण के साथ होंगे।
एकतरफा लड़ाई… 2 चुनाव से किसी एक दल को 50% वोट वाली सीटें तेजी से बढ़ रही हैं
2019 में भाजपा को 224 व क्रिया को 117 मोदी पर 50% से अधिक मत मिले। 1984 के बाद किसी दल ने बड़े अंतर से इतनी सीटें जीती। 2014 में भाजपा ने 136 और विपक्ष ने ऐसी 64 सीटे जीती थी एकतरफा मुकाबले लगातार हो रहे है।
महिला होटर्स.. पहली बार महिलाएं वोट डालने में पुरुषों से आगे हो सकती हैं. इनके वोट काफी अहम है 1962 में महिला-पुरुष वोटिंग गैप 17% था। 2019 में 0.11% रह गया। 2019 के बाद 23 राज्यों में चुनाव हुए। इनमें 18 में महिलाएं वोट देने में पुरुषों से आगे रही। ऐसे में महीलाओं का वोट अहम फैक्टर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जीते तो 58 साल बाद लगातार तीसरा टर्म जीतने वाले देश के पहले नेता होंगे
पीएम मोदी जीते तो वो पंडित जवाहरलाल नेहरू के बाद लगातार 3 टर्म जीतने वाले दूसरे नेता में वह तीसरी बार पीएम बनने वाले चौथे होंगे। नेहरू ने अपने कार्यकाल
में 41 व इंदिरा ने 42 राज्य जीते।
दुनिया में इस साल कहां-कहां चुनाव
अमेरिका बांग्लादेश, रूस, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, यूक्रेन ,मेक्सिको, इंग्लैंड, और भारत।
2024 में ‘राम’ से बनेगा भाजपा का काम
भगवा पार्टी की ‘राम धुन’ से बैकफुट पर इंडिया गठबंधन
अयोध्या सहित पूरे देश की सियासी फिजा में इस समय “राम’ नाम की गूंज है। भगवान राम एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनते जा रहे हैं। 2024 की चुनावी वैतरणी पार करने के लिए भाजपा फिर से राम नाम का सहारा ले रही है, तो विपक्षी पार्टियां उसके इस ‘राम धुन’ से काफी असहज दिख रही हैं। अब बड़ा सवाल यह है कि 2024 के आम चुनाव में भगवान राम भारतीय जनता पार्टी के कितने काम मैं आएंगे?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का उद्घाटन कर राम नाम की खुशबू घर-घर तक पहुंचाने की तैयारी में हैं। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भाजपा अपने चुनावी अभियान को तेज करेगी। अयोध्या सहित पूरे उत्तरप्रदेश में राम मंदिर के बड़े-बड़े होर्डिंग्स लग चुके हैं। इन होर्डिंग्स पर राम मंदिर की तस्वीर के साथ भाजपा को समर्थन देने जैसी अपील की गई है। अयोध्या में प्रधानमंत्री के रोड शो के दौरान ‘जय श्री राम’ और ‘मोदी-मोदी’ के नारे गूंजते रहे।
न्योते ने बढ़ाया विपक्ष का धर्मसंकट
भाजपा जहां पूरे माहौल को ‘राममय’ बनाने में जुटी है, तो वहीं इंडिया गठबंधन में शामिल दल प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने को लेकर दुविधा में हैं। समारोह में शामिल होने के लिए कई विपक्षी पार्टियों को निमंत्रण मिला है. लेकिन कांग्रेस सहित कुछ पार्टियां यह न्योता स्वीकार करने को लेकर पसोपेश में हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी ने अभी तय नहीं किया है कि राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में जाना है या नहीं। इस बारे में उचित समय पर निर्णय लिया जाएगा।
22 के बाद अयोध्या जाएंगे शिवसेना (उद्धव) के नेता
शिवसेना (उद्धव) ने भाजपा पर धर्म की राजनीति करने का आरोप लगाया है। पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुझे रामलला के दर्शन के लिए किसी के निमंत्रण की जरूरत नहीं है। 22 जनवरी के बाद जब चाहूंगा, अयोध्या जाऊंगा। राकांपा सुप्रीमो शरद पवार ने भाजपा पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें इस समारोह का निमंत्रण नहीं मिला है। उधर, जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि अगर जदयू को निमंत्रण मिलता है, तो उनकी पार्टी के नेता इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। सपा सांसद डिंपल यादव भी
निमंत्रण मिलने पर अयोध्या जाने को तैयार हैं।
दक्षिण भारत से शुरु होगा भाजपा का आम चुनाव अभियान
लोकसभा चुनावों के लिए
भाजपा अपना चुनावी अभियान इस बार दक्षिण भारत से शुरु करेगी.
2024 का आगाज होते ही तीन महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए शतरंज की बिसात बिछाने का काम तेज हो गया है. विपक्षी दल और ‘इंडिया’ गठबंधन सीटों के तालमेल और नेता के नाम पर एकमत नहीं हो पा रहे हैं, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक-एक लोकसभा सीटों के नफे- नुकसान का आंकलन कर रणनीति तैयार कर ली है.
दक्षिण- भारत से चुनावी अभियान
शुरुआत करने के लिए प्रधानमंत्री की तमिलनाडु, केरल और लक्षद्वीप जाने की योजना है. सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री को उत्तर भारत के राज्यों की ज्यादा चिंता नहीं है यहां लगातार दो चुनावों 2014 और 2019 में भाजपा को काफी अच्छी सीटें मिली है 2024 में भी इन राज्यों में कोई चुनौती नहीं है.
दक्षिण पर फोकस इसलिए बना है कि कर्नाटक में कुछ सीटें कम होने का अंदेशा है जिसकी भरपाई प्रधानमंत्री मोदी दक्षिण के ही राज्यों से करना चाहते हैं. पिछली बार भाजपा को दक्षिण से 30 लोकसभा सीट मिली थी. तेलंगाना जहां भाजपा ने पिछली बार चार सीटें जीती थी इस बार 10 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. तमिलनाडु में भी सीटे जीतने का लक्ष्य भाजपा का है।
तरकश में कई तीर
2024 का लोकसभा चुनाव जीतने की तैयारी नरेंद्र मोदी ने काफी पहले से शुरू कर दी थी. 22 जनवरी को राम मंदिर का कार्यक्रम भी इसी रणनीति का हिस्सा है. आनेवाले दिनों में केंद्र सरकार पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दामों में कमी कर सकती है. इस बात के संकेत केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने भी दिया है. आयकर छूट का दायरा और बढ़ाने का भी फैसला हो सकता है. वित्त मंत्रालय के अफसर इस पर काम कर रहे है. किसानों के लिए किसान सम्मान निधि बढ़ाने, कुछ फसलों की एमएसपी बढ़ाने का निर्णय भी हो सकता है.
कर्नाटक पर सबसे ज्यादा जोरकाशी-तमिल संगमम आयोजन की तैयारी
केरल तमिलनाडु लक्षद्वीप की यात्रा पर जाएंगे पीएम
ईधर पश्चिम बंगाल में TMC सुप्रीमो ममता बनर्जी को घेरने भाजपा की रणनीति 42 लोस सीटें, हर सीट पर एक प्रभारी
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी ने कमर कसनी शुरू कर दी है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के हाल के बंगाल दौरे के बाद पार्टी ने सत्ताधारी तृणमूल को घेरने के लिए नई रणनीति बनाई है. बीजेपी ने राज्य की सभी 42 लोस सीट पर अलग अलग प्रभारी नियुक्त किए हैं. बंगाल प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार यह घोषणा की. इसे लोकसभा चुनाव के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी की तरफ से जारी आदेश के मध्यनजर , नित्यानंद मुंशी को जलपाइगुड़ी का प्रभारी नियुक्त किया गया है. आनंदमय बर्मन संयुक्त प्रभारी बनाया गया है. इसी तरह से अमिताभ मोइत्रा को कूचबिहार का प्रभारी नियुक्त किया गया है. सुशील बर्मन अलीपुरद्वार के प्रभारी
बनाए गए हैं और सुशांत रावा को उनके साथ संयुक्त प्रभारी नियुक्त किया गया है. बीजेपी नेता विशाल लामा को प्रभारी और सुकर मुंडा व गोबिंद रॉय को संयुक्त प्रभारी बनाया गया है. लोकसभा चुनाव से पहले संगठन को मजबूती देने के अभियान में बीजेपी ने ये नियुक्तियां की हैं.
35 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य